Makar Sankranti: मकर संक्रांति पर हरिद्वार में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, गंगा में लगा रहे पुण्य की डुबकी

Uttarakhand Press News, 14 January 2023: हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. सुबह तड़के से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा घाटों पर पहुंचने लगे. श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर, दान पुण्य किया. वहीं मकर संक्रांति पर जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. कई जगह खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया जा रहा है. कड़ाके की ठंड भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा नहीं सकी और मानो श्रद्धा भाव देखकर सर्दी ने खुद ही चुप्पी साध ली हो. श्रद्धालु ठंड की परवाह किए बगैर गंगा में डुबकी लगाते दिखे.

गौर हो कि साल का पहला बड़ा गंगा स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति का है. इस स्नान पर्व का काफी महत्व है, क्योंकि मकर संक्रांति के पर्व के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं. इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते हैं. इसलिए मकर संक्रांति के स्नान को खास माना जाता है. हरिद्वार में मकर सक्रांति पर गंगा में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ रही है. देशभर से श्रद्धालु आकर यहां आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के उपरांत तिल और खिचड़ी के साथ वस्त्रों का दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.

ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि पुराणों में उत्तरायण पर्व को विशेष स्थान दिया हुआ है. भीष्म पितामह उत्तरायण पर्व के लिए तीर शैय्या पर लेटे रहे थे. कहा जाता है कि जिसकी मृत्यु उत्तरायण पर्व में होती है, उनका जन्म पृथ्वी लोक पर नहीं होता. जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब उत्तरायण पर्व शुरू हो जाता है. मकर संक्रांति इतना बड़ा पर्व होता है कि सुबह की दिशा और दशा दोनों बदल जाती हैं. गंगा या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करके तिल खिचड़ी, वस्त्र का दान करने का विशेष महत्व है. इससे हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है, क्योंकि उत्तरायण का सूर्य सभी कष्टों का नाश करने वाला होता है.

उत्तरायण पर्व सभी प्रदेशों में मनाया जाता है. पंडित मनोज त्रिपाठी ने कहा कि कहीं मकर संक्रांति, कहीं पर पोंगल और कहीं पर उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है. मगर इसका एक ही सार होता है कि अब सूर्य उत्तर दिशा की ओर आ गए हैं. क्योंकि यह दिशा देवताओं की प्राप्ति की होती है. इस दिन अगर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान करते हैं, तो उससे आपके पित्र तृप्त होते हैं. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, आज से सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करेंगे. आज से ही उत्तरायण की शुरुआत हो जाएगी. इसके तहत 6 महीने दक्षिणायन में देवों की रात और 6 महीने उत्तरायण में देवों का दिन माना जाता है. आज से ही देवों के दिन शुरू हो जाएंगे और मुंडन, यज्ञोपवीत, विवाह आदि सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी आज से हो जाएगी.

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