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Uttarakhand Press 5 October 2023: Cough Syrup Deaths भारत में बना कफ सीरप पीने के बाद विश्व के कई देशों में 141 बच्चों के मरने की घटनाओं के बाद भारत सरकार की दवा नियामक संस्था ने एक कफ सीरप और एलर्जी खत्म करने वाले एक सीरप में जहरीले तत्व पाए हैं। रासायनिक पदार्थ उन कफ सीरपों में पाया गया था जिनको पीने से गांबिया उज्बेकिस्तान और कैमरून में 2022 में 141 बच्चों की मौत हुई।
भारत में बना कफ सीरप पीने के बाद विश्व के कई देशों में 141 बच्चों के मरने की घटनाओं के बाद भारत सरकार की दवा नियामक संस्था ने एक कफ सीरप और एलर्जी खत्म करने वाले एक सीरप में जहरीले तत्व पाए हैं। यह जानकारी एक सरकारी रिपोर्ट में दी गई है।
पीटीआइ के अनुसार जिन कंपनियों के सीरप में जहरीला तत्व पाया गया है उनमें गुजरात की नोरिस मेडिसिंस और तमिलनाडु की फोर्ट्स इंडिया लेबोरेटरीज हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट के अनुसार नोरिस मेडिसिंस की दोनों दवाओं में डाई एथिलीन ग्लाइसोल (डीईजी) या एथिलीन ग्लाइसोल (ईजी) पाया गया।
यही रासायनिक पदार्थ उन कफ सीरपों में पाया गया था जिनको पीने से गांबिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में 2022 में 141 बच्चों की मौत हुई थी। इन घटनाओं के बाद देश के सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गनाइजेशन ने बड़े पैमाने पर दवाओं की जांच की।
डीईजी और ईजी मिला पाया गया:
इस जांच में दो दवाओं में डीईजी और ईजी मिला पाया गया है। आर्गनाइजेशन ने 42 अरब डालर के भारत के दवा कारोबार को इस तरह से परखने का पहली बार कार्य किया है। गुजरात राज्य फूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के आयुक्त एचजी कोशिया के अनुसार सितंबर में नोरिस मेडिसिंस के निरीक्षण में दवाओं में जहरीले रासायनिक पदार्थों का मिश्रण देखने के बाद कंपनी का उत्पादन रुकवा दिया गया और आपूर्ति की गई दवाओं को वापस मंगवाने का आदेश दिया गया था।
कंपनी उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद का उत्पादन करने में विफल पाई गई। कंपनी के पास उपयुक्त जलापूर्ति व्यवस्था भी नहीं थी। अन्य मानदंडों पर भी कंपनी का कामकाज उचित नहीं पाया गया। यह स्थिति जनस्वास्थ्य के अनुकूल नहीं है।