Alert: अरब सागर में बन रहा चक्रवात तूफान, भारत में मानसून के प्रवेश पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका

Uttarakhand Press News, 06 June 2023: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण पूर्व अरब सागर (पोरबंदर के दक्षिण में) के ऊपर एक दबाव क्षेत्र बन रहा है जो उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है। सांकेतिक तस्वीर।

गुजरात के पोरबंदर के दक्षिण में चक्रवाती तूफान उठने की आशंका जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी ) ने मंगलवार को बताया कि दक्षिण पूर्व अरब सागर (पोरबंदर के दक्षिण में) के ऊपर एक दबाव क्षेत्र बन रहा है, जो उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ सकता है और इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना है।

कहां बन रहा है केंद्र?
मौसम विभाग ने कहा कि गोवा के पश्चिम-दक्षिण पश्चिम से लगभग 920 किलोमीटर, मुंबई के दक्षिण-दक्षिण पश्चिम से 1,120 किलोमीटर, पोरबंदर से 1,160 किलोमीटर दक्षिण और कराची से 1,520 किलोमीटर दक्षिण में सुबह 5.30 बजे एक दबाव का क्षेत्र बना है।

चक्रवाती तूफान उठने की संभावना:
उन्होंने बताया कि इसके उत्तर की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान उठने की संभावना है।

मानसून के प्रवेश पर असर पड़ने की आशंका:
आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का चक्रवात बनने और इसके तेज होने से मानसून के केरल तट की ओर बढ़ने पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मानसून के आने की संभावित तारीख नहीं बताई।

इधर, स्काईमेट वेदर ने कहा कि केरल में मॉनसून की शुरुआत आठ जून या नौ जून को हो सकती है। इससे पहले, स्काईमेट ने सात जून को केरल में मानसून की शुरुआत की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, उन्होंने कहा था कि इसमें तीन दिनों का मार्जिन हो सकता है।

बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को लगभग सात दिनों के कमी या बढ़ोत्तरी के साथ केरल में प्रवेश करता है। वहीं, मई के मध्य में आईएमडी ने कहा था कि मानसून चार जून तक केरल में आ सकता है।
अगर पिछले वर्षों के रिकॉर्ड्स देखें, तो दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। इधर, वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में थोड़ी देरी से पहुंचने का मतलब यह नहीं है कि मानसून देश के अन्य हिस्सों में देरी से पहुंचेगा।

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