Uttarakhand: बाढ़ से मंडरा रहे आबादी पर खतरे को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट गंभीर, सरकार से मांगा दो जवाब

Uttarakhand Press 13 September 2023: Uttarakhand High Court मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हल्द्वानी चोरगलिया निवासी भुवन पोखरिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि राज्य में मानसूनी बारिश में नदियां उफान पर हैं। नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने के कारण बाढ़ व भूकटाव हो रहा है। जिसके चलते आबादी क्षेत्र मे जलभराव हो रहा है।

हाई कोर्ट ने नंधौर सहित गौला कोसी, गंगा,दाबका में हो रहे भू-कटाव व बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने से आबादी क्षेत्र में जल भराव, भू कटाव से निजात दिलाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ने राज्य सरकार को दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई को 15 अक्टूबर की तिथि नियत की है।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में हल्द्वानी चोरगलिया निवासी भुवन पोखरिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि राज्य में मानसूनी बारिश में नदियां उफान पर हैं। नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने के कारण बाढ़ व भूकटाव हो रहा है। जिसके चलते आबादी क्षेत्र मे जलभराव हो रहा है।

नदियों का चैनलाइज नहीं होना बाढ़ का बड़ा कारण:
नदियों के उफान पर होने के कारण हजारों हेक्टेयर वन भूमि, पेड़, सरकारी योजनाएं बह गई है। नदियों का चैनलाइज नहीं होने के कारण पानी का बहाव आबादी की तरफ कर दिया है। जिसकी वजह से ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार , हल्द्वानी, रामनगर ,रुड़की, देहरादून में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गयी है। बाढ़ से कई पुल बह गए है। सरकार ने नदियों के मुहानों पर जमा गाद, बोल्डर, मलबा नहीं हटाया है।

सरकार ने नहीं किया कोर्ट के आदेश का पालन:
याचिकाकर्ता के अनुसार सरकार ने हाई कोर्ट ने 14 फरवरी 2023 का पालन नही किया गया। जिसकी वजह से प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार संबंधित विभागों को साथ लेकर नदियों से गाद, मलबा, बोल्डर हटाकर चैनलाइज करें ताकि बरसात में नदियों का पानी बिना अवरोध बह सके।

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