Nainital: डॉ. सुशीला तिवारी कॉलेज पर लगे आरोपों की जांच को पहुंची कुमाऊं विवि की टीम

Uttarakhand Press News, 7 February 2023: सितारगंज। डॉ. सुशीला तिवारी महाविद्यालय पर अनियमितता कर मान्यता लेने के आरोप समेत 13 बिंदुओं पर शिकायत की जांच के लिए सोमवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय की गठित टीम कॉलेज पहुंची और अभिलेखों की जांच की। टीम ने गोपनीय जांच करते हुए कॉलेज के स्टाफ से पूछताछ की।

ग्राम जोगीठेर नगला प्रतापपुर निवासी चरनजीत सिंह ने 13 बिंदुओं का शिकायती पत्र कुमाऊं विवि के कुलपति को भेजकर डॉ. सुशीला तिवारी महाविद्यालय की जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा कि उनके पास महाविद्यालय एवं बीएड कॉलेज की दर्ज शिकायतों के साक्ष्य भी हैं।

कुलपति ने निर्देश पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने डीएसबी परिसर नैनीताल के विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोण् एबी मेलकानीए वाणिज्य संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अतुल जोशी, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि विभाग के प्रो. केडी भट्ट. डीएसबी परिसर नैनीताल भौतिक विज्ञान के प्रो. संजय पंतए उप कुलसचिव दुर्गेश डिमरी की टीम गठित की।
सोमवार को टीम कॉलेज पहुंची। टीम ने गोपनीयता के साथ जांच कर स्टाफ से पूछताछ की। जांच के दौरान मीडियाकर्मियों को कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया। बताया गया है कि चरनजीत की शिकायत में अनियमितता कर मान्यता लेने, शिक्षकों की नियुक्ति चहेतों को देने, कागजों में तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों के मौके पर न होने का भी आरोप है। बाद में मीडिया के पूछने पर कॉलेज प्रबंधन ने अपना पक्ष रखने से इन्कार कर दिया और टीम के कॉलेज पहुंचने को रुटीन का निरीक्षण बताया।

कॉलेज प्रबंधक ने दी शिकायतकर्ता के खिलाफ तहरीर:
सितारगंज। डॉ. सुशीला तिवारी महाविद्यालय के प्रबंधक जगदीश सिंह बिष्ट ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर शिकायतकर्ता चरनजीत सिंह पर फर्जी अभिलेखों के आधार पर महाविद्यालय और प्रबंधक पर मिथ्या आरोप लगाने का आरोप लगाया है।

प्रबंधक ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विश्वविद्यालय की ओर से नियुक्त निरीक्षण मंडल पर रिश्वत लेने के मिथ्या आरोप लगाकर महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के शिक्षकों को बदनाम करने का प्रयास किया है। शिकायतकर्ता ने चोरी से महाविद्यालय की गोपनीय पत्रावलियों को निकालकर उसमें छेड़छाड़ की और उसे आधार बनाकर कुमाऊं विवि को शिकायती पत्र भेजा।

प्रबंधक ने कहा कि शिकायतकर्ता ने न सिर्फ गोपनीय अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ की है बल्कि पुस्तकालय अध्यक्ष रहते हुए पुस्तकालय से पुस्तकें भी गायब कीं। उन्होंने पुलिस से आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर महाविद्यालय को हो रहे वित्तीय नुकसान व छवि को खराब होने से रोकने की मांग की।

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