असम में बाढ़ ने मचाई तबाही, ढाई लाख से अधिक लोग प्रभावित, लोगों को बचाने में लगी सेना

Uttarakhand Press 26 June 2023: असम में अभी भी 2.72 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, 874 गांव पानी में डूबे हुए हैं। इनमें बाजली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघर, जोरहाट, कामरूप, लाखीपुर, नागांव, नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों के गांव शामिल है।

असम में बाढ़ की स्थिति हर बीतते दिन के साथ बिगड़ती जा रही है। राज्य के 15 जिलों में लगभग ढाई लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों का जीना दूश्वार हो गया है। यहां बाढ़ के कारण सैकड़ों गांव डूब गए हैं। लोगों के पास रहने को घर नहीं और पेट भरने को खाना नहीं मिल रहा।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, अभी 2.72 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, 874 गांव पानी में डूबे हुए हैं। इनमें बाजली, बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघर, जोरहाट, कामरूप, लाखीपुर, नागांव, नलबाड़ी और तामुलपुर जिलों के गांव शामिल है।

बारपेटा में सबसे ज्यादा मुसीबत:
वहीं, सबसे ज्यादा मुसीबत बारपेटा जिले के लोगों को झेलनी पड़ रही है। यहां 1.70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। वहीं, बालाजी में 60,707, लखीमपुर में 22,060 और नलबाड़ी जिले में दस हजार 351 लोग प्रभावित हुए हैं। पूरे असम में 5936.63 हेक्टेयर खेत क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

प्रशासन ने बाढ़ का कोहराम झेल रहे लोगों के लिए कई जिलों में 61 राहत शिविर और 104 राहत वितरण केंद्र बनाए हैं। यहां 43,064 लोगों ने शरण ली है।

नलबाड़ी में 50 से ज्यादा सड़कें गायब:
पिछले 24 घंटे में नलबाड़ी में 222 जानवर बाढ़ में बह गए। वहीं करीब 1,290 घर बर्बाद हो गए। इसके अलावा, तामुलपुर में तीन तटबंध टूट गए और करीब सात तटबंध नष्ट हो गए। इतना ही नहीं, यहां 50 सड़के, 3 पुल और कई आंगनबाड़ी केंद्र भी बाढ़ की भेंट चढ़ गए।

1.05 लाख जानवर प्रभावित:
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का कहना है कि असम के हालातों में सुधार हो रहा है, लेकिन बारपेटा जिले में अभी भी मुसीबत बनी हुई है। असम के निचले जिलों के 167 गांव के करीब 1.70 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, यहां 382.75 हेक्टेयर क्षेत्र पानी में डूब गया। इतना ही नहीं, यहां करीब 1.05 लाख जानवर भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

बारपेटा के जिला प्रशासन ने लोगों की मदद के लिए करीब 59 राहत शिविर और 53 राहत वितरण केंद्र बनाए हैं।

लोगों को बचाने में लगी सेना:
सेना, अर्द्धसैनिक बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), अग्निशमन और आपातकालीन सेवा (एफ एंड ईएस), नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) तथा स्थानीय लोगों बचाव अभियान में लगे हुए हैं।

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