साल भर बाद भी यूक्रेन युद्ध खत्म होने के नहीं हैं दूर-दूर तक कोई संकेत

Uttarakhand Press News, 17 February 2023: अमेरिका में यूक्रेन युद्ध की स्थिति का गंभीरता से आकलन किया जा रहा है। अगले हफ्ते यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए एक साल पूरा हो जाएगा। इस युद्ध में निकट भविष्य में किसी पक्ष की निर्णायक जीत होगी, यह गुंजाइश कमजोर पड़ चुकी है। युद्ध लंबा चलने की संभावना से अमेरिका के कई रणनीतिक विशेषज्ञ चिंतित हैं।

वैसे सार्वजनिक रूप से पश्चिमी नेता लगातार यूक्रेन के प्रति अपना समर्थन जता रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इस युद्ध में रूस को निर्णायक रूप से हरा देने के अपने इरादे पर वे कायम हैं। अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिले ने इस हफ्ते कहा- ‘रूस रणनीतिक और कार्यनीतिक रूप से पराजित हो चुका है।’ नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने इस बुधवार को कहा- ‘व्लादीमीर पुतिन को यह समझना चाहिए कि वे विजयी नहीं हो सकते।’

लेकिन सामरिक विशेषज्ञों की राय इससे अलग है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व प्रमुख डेविड पेट्रेअस ने टीवी चैनल सीएनएन से कहा कि युद्ध का समाधान बातचीत से निकलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसा तब होगा, जब पुतिन यह समझ जाएंगे कि युद्ध के मैदान पर टिके रहना उनके लिए संभव नहीं रह गया है। इस टिप्पणी से साफ है कि पेट्रेअस की राय में पश्चिमी देश रूस को हरा देंगे, ऐसा वे नहीं मानते हैं।

पश्चिमी राजनेता और मीडिया यूक्रेन युद्ध के आरंभ से ही इस लड़ाई में रूस के हारने का भरोसा जताते रहे हैं। जबकि रूसी विश्लेषकों की अलग राय सामने आई है। युद्ध की बरसी पर कई रूस समर्थक विश्लेषकों ने कहा है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन अपना मकसद एक हद तक हासिल कर चुके हैं। पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन में ‘विशेष सैनिक कार्रवाई’ की शुरुआत करते हुए पुतिन ने इसके तीन मकसद बताए थे। उनमें पहला दोनबास इलाके पर कब्जा जमाना था, जिसमें रूस सफल रहा है। दो अन्य उद्देश्य यूक्रेन को नाटो में शामिल होने से रोकना और यूक्रेन को नाजी विचारधारा से मुक्त कराना था।

सीएनएन की वेबसाइट पर छपे एक विश्लेषण में कहा गया है कि अगर युद्ध वर्षों तक खिंचा, तो उस दौरान यूक्रेन विभाजित बना रहेगा। पुतिन इसे अपनी जीत बता सकेंगे। इस बीच रूस सेना यूक्रेन में हमला तेज करने की तैयारी में दिख रही है। यूक्रेन इस हमले का प्रभावी मुकाबला तभी कर पाएगा, अगर उसे सही समय पर पश्चिमी देशों से टैंक और दूसरे हथियार मिल जाएं। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक इसमें कई महीनों की देर लग सकती है।

अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का आकलन है कि अपने अगले आक्रमण से रूस ज्यादा बढ़त हासिल नहीं कर पाएगा। लेकिन ऐसे हमले से राष्ट्रपति पुतिन रूस की जनता में निर्णायक विजय की उम्मीद जरूर जगाए रख सकेंगे।

स्टोल्टेनबर्ग ने बुधवार को दिए अपने भाषण में कहा कि जमीनी स्थिति में जल्द किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा- ‘राष्ट्रपति पुतिन ऐसा कोई संकेत नहीं दे रहे हैं, जिससे उनकी शांति की इच्छा झलके। इसके विपरीत वे नए हमलों की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें नागरिकों, शहरों और महत्त्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया जाएगा।’

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