Uttarakhand Press 10 August 2023: हल्द्वानी। उत्तराखंड स्टेट अर्बन डेवलपमेन्ट एजेंसी (यूयूएसडीए) ने रकसिया नाले की निकासी की योजना बना दी है। इस योजना में 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। डेढ़ किलोमीटर भूमिगत नहर बनाई जाएगी। फेज एक और दो के लिए 100 किलोमीटर ड्रेनेज बनाया जाएगा। इसके लिए टेंडर हो गए हैं।
नगर निगम को एडीबी से 2200 करोड़ रुपये मिले हैं। इस बजट से शहर के ड्रेनेज पर भी काम होना है। यूयूएसडीए ने फेज एक ओर फेेज दो के लिए 100 किलोमीटर ड्रेनेज का प्लान बना था। इसे शासन से स्वीकृति मिल गई है। इसके टेंडर भी जारी हो गए हैं। तीन महीने बाद ड्रेेनेज पर काम शुरू हो सकता है। फेज एक और दो में वार्ड 34, 35, 36,48,49 और वार्ड 50 से 59 तक ड्रेनेज का काम किया जाएगा।
उधर मुख्य मार्गो को लेकर भी यूयूएसडीए प्रस्ताव बना रहा है। इसमें वॉकवे के पास ड्रेनेज को तिकोनिया होते हुए रेलवे क्रासिंग से गौला में ले जाया जाएगा। उधर मुख्य सड़क नैनीताल रोड, कालाढूंगी रोड और रामपुर रोड का ड्रेनेज प्लान बनाया जा रहा है। मेयर जोगेंद्र रौतेला ने बताया कि जल्द ही हल्द्वानी में बारिश के पानी से हो रहे जलभराव से मुक्ति मिल जाएगी।
पांच साल से डीएम कार्यालय में दबी है रकसिया से सिल्ट निकालने की फाइल:
हल्द्वानी। रकसिया नाले की सफाई की फाइल डीएम कार्यालय में पांच साल से दबी है। नगर निगम नाले की सफाई को लेकर कई बार डीएम कार्यालय को रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बाद भी नाला साफ नहीं हो पाया। नाला मलबे से भरा हुआ है। नाले की सफाई हो जाती तो आज हजारों लोगों को जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
नगर निगम पांच साल से लगातार रकसिया की सफाई कराने की मांग कर रहा है। पूर्व नगर आयुक्त चंद सिंह मर्तोलिया ने नाले की सफाई का प्रस्ताव बनाया था। प्रस्ताव में था कि नाले का मलबा निकालकर बेच दिया जाए। इससे निगम को आय भी होगी। साथ ही नाला भी साफ हो जाएगा। तत्कालीन डीएम ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद भी दो बार और प्रस्ताव भेजे गए।
वर्तमान नगर आयुक्त ने भी प्रस्ताव भेजा। इसके बाद भी रकसिया नाले की सफाई नहीं हुई। रकसिया नाले के किनारे रहने वाले लोगों का आरोप है कि रकसिया नाले में पहले से ही गाद भरी हुई है। गाद के कारण नाला भर गया है। निगम या प्रशासन पहले ही नाले को साफ करा देता तो आज यह दिन न देखना पड़ता। नगर निगम डीएम को अब तक कई बार रिमाइंडर भेज चुका है। इसके बाद भी डीएम ने इसकी अनुमति नहीं दी। अनुमति नहीं मिलने के कारण नाले की सफाई नहीं हो पाई। नाला ओवरफ्लो होने से कई लोगों के घरों में पानी घुस गया।